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जिटळू काम छ ये सऊमा थे दयान ने विश्वासो प्रधान १० गोरधाय । क्वेंम्क्ये त्येखें पाते परिक्षा को धोथको घेनें दुख पाम्यू येथी ज्ये परिक्षा को धाथकाथायचे चेोखन् उपकार करवानें सामर्थों हैं ।

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५ जीजा पर्व । नाटे हे साधु भाइयो खर्मनी तेडा चटनी सामो अमारा मतनो दूत ने प्रधान और विदु खोटनें संभारी । को ज्येवू मोशच् पाताना सऊ घरमा विश्वास दतौ व्येव येना निश्चय करवावाळाने मासे विश्वास को धै गयो हता । क्वेंम्क्ये ए मसीस मोशच्यो मदानें area गये गवते । जये सबब ज्ये घर उठाये है येनी • मर्यादा घरो अधिक है । हरेक घर के ईना करवाची उठाये गये है परंतु जेणें सज वस्तु निर्माण कोथी त्ये ५. ईश्वर कळोपण ज्ये कसा जाऐं येना प्रमानें माटे मोश पोताची घरनी सऊ ठामें चाकरने एवै विश्वासी ई इसे सही। परंतु पुत्र ज्येव घोताना बिजना घरमा देवी

खोट है येन घर घमें हैयें और तो शाइस में भरोसा ना ७ विषयमा दर्प अंतसुदृढ करीनें साथै । ए माटे जेवू च धर्माला कहे को छान ज्यारे येनो वात सान्हळी

प्यारौ तत्राणं मन कठिण मत करो ज्येवू उजाडमा परोक्षा ९. मोवेोध प्रकाश थावामा कोधूं ग ह । ये ज्यां

तमारा गायें चाळीस वर्षसुधो मारो परीक्षा कोधी १० बळी मारुं विचार कोधूं में मारू काम जाय । त्येमा है

इं ये समयना लोकानां विषयमा प्रसन्न हता ने क्यू को ये खदा मनमा यांत करे हैं ने मारुं मार्ग जाणवा पाम्यो ११ महीं । ए बोचे में पोताना क्रोधमा समः कोधी को ये १२ मारो विश्राममा भावा नहीं पाम् । हे भाइयो सावधान

१३ मन तमारा कोईना वदमा थावेो । परंतु ज्यारसुधी आज

क्यू ं जायकै व्यारमुधी दाढी परस्पर उपदेश करें पूंजा वियें पापना कपट्यो तमारा कोईन मन कठिन कीधूं ९० जाय । क्यैमध्ये जी में पोताना विश्वाससूरतनो नोम आरंभ कर अंतसूधी कठिन करोबें साहें तो में १५ खोटना साभी कोधा भैयादें । ए दासधी ज्येव' जणाय

है को आज ज्यारे होनो बात साहळो ब्यारे क्रोध प्रकाश थावामा येवू इत् येवू पोतानू मन कठिण मा करो । १६ वे कोई श्यें सान्हळी ने क्रोध उत्पन्न कोधूं सही परंतु मोहना करवार्थी जिटळा लोक मिसुरथी वारणें आया १७ त्थे सज नहीं । परंतु ये चाळीस वर्षमुधो कोईना विषयमा

अन्न हतैौ चेहय्यें पाप कोधूं छत् नें ज्ये होना मुदी जंगलमा पाइता के शूं ना विघयता नथी । १८ १ळी ज्येद्देण्यें विश्वास नथो कीधो व्येमयोस सिवाय त्येखें १९ शू वळो कोईनें घासै सम की धारे। को त्ये येनो चेनमा

सवा पामर्शो नहीं ए माटे में जावा पामियें कैसे करे येहेाययें अविश्वासौथो पैसा पाम्यो नहीं ।

● चौथो पर्व्व । - माटे लेना विश्राममा जावान् वचन मारे पासे बरकरार घयाथो में एबोहा हूं जाशियें तमारा कोई ये पामवाथी कसूर करवान् एव घाय । २. कमको मारे पास मंगळ समाधार जयायूं जय येवू येहोनें पासे जायूं गयूं इतू दंरंतु जणावीथको वाता साहळवावाळाञ्चौना वच्मा विश्वासथों मळाई नथ ३ याथी थे हे नें कोई लाभ नातो । कोमक्ये येणें कयू को

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में विश्वास करवावाळा त्येना विश्वाममा चैसियें परंतु संसारनो नीम करवायी काम समाप्त थयू सही तोप

• चेनमा पैसें । कोमको पेली ठामें येणें सातवां दिवसनह

विषयमा ए वात कहोचती को ईश्वरयें सात में दाटे पोता ना सऊ कामोघो चैन कोधूं वळीचा ए ठानें क्ये जो ये ५. मारा विश्राममा पैसों । फरो दाउमा छे ए वात कहीनें एक वेळांनो निचय करेछे को बाज इढळा दाढानें पा

छळ येवू क्यूंग को आज जो तमें येनो वात सम्हिळ ७ प्रौ तैौ पोतानू मन कठिन करजो मा। कोंमध्ये जो विहो .

हुआ ये हार्ने विश्राम देतो तो त्ये पाइळ वळी एक दिवस मी बात ये कहते नहीं । रथो ईश्वरना लेोकानें माटै था ८ महार एक विश्राम है। कम् को ज्ये मणोस देना सुखमा पैस्या

छ मसोस ईश्वर एवं पोतानू काम करवूंपण मुक्य है । कई लेोकानें त्येमा पैसवू पड्शे में ये गर्ने पास ara परम जबावी गई है थे अविश्वासीना सबब पैस्या ११ नहीं । स माटे धर्मे ये सुखना पैसवाने माटे चेष्टाची श्रम करियें गूंजावियें अविश्वासीना नमूना सरखूं कोई १२ बडे । कमको ईश्वरनो बात सजीव में मोटी तेज नें बेधार

बरवारथोपय् चोखो जाय नें मनना ने गांठ ने भज्जाना बेक टजा करवासुधी पैसवावाळो न अंतकरण विषय जाणवावा १३ लानें इच्छान विचार करवावाळा । येनो दृष्टिथी कोई लकि घय् गुत्प नहीं परंतु ज्येनें पासै श्रमारो वात कड़वी १० मडै त्येना नेत्र में साहे सऊ उघाड्यू में

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ए माटे

स्वर्गमा पैस्याथको ईश्वर के पुत्र विष्णु मारो मोटा प्रधान १५ गौर थयाथी में पोताना मत दृढ करोने साहियें । कोंमध्ये

कामारे। एवो प्रधान याजक नहीं को ज्ये अमारो दुलाई घो मोडत' घावा सकता नथो परंतु ज्ये अमारे खै परिक्षा १६ कोधाथको हता परंतु निरपराधी हतैौ । एमाटै में प्रसाद सिंहासनने पासै निर्भय जैये को कृपा वळी

५. पांच पव्वं । - मणो साथी लोधा गयोचे ज्ये हरेक प्रधान याजक त्ये मयोसोनो पासै ईश्वरना विषयमा कामनें सबब दान में पापनाशकरवावाला बलिदान उत्सर्ग कर २ बानें निषय है । थे पोतेपण दूबळाईथी घेया गयाधी मूखाना नें मार्गथी नोसयाथकाने दया करवा सकै है। यजुमादै च्येव कोकोनें माटे येवू घोतानें माटे पाप नाशकरवावाळा बलिदान उत्सर्ग करवानू त्येथी जहर ४ | वळी पाने एवं ध्ये ईश्वरथो निश्चय को धाधको त्ये सिवाय कोईपण घोतानें माटे र मयादा लेती नथी । ५ एज्ररीत्यै खोष्ट मेंपण प्रधान गौर थावाने माटै पात पाना

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ज्ञानीरित्

रौ है सभी ताप ये दुख याम्यू में दुखधौ ९ शोखो । वळो पूरब को धो गये। थैनें मेलविसेदेकनी रोयना वै। ईश्वरथी निश्चय कोधाथको प्रधान गौर पैनें जिटळा लोक त्येना श्राज्ञाकारी है ये मजनू चनन्त ११ चायना उत्पन्न करवावाला थयैा । त्येना विषयमा म् ने वाता घणी कहवी है वळी ये वातों समभवो कठिन हैं ११ कोंम्कये तमारा साहळवानें भारी है । कमको इटळा समयथों तमारै। शिखाडवावाळी धावू उचित है परंतु तापण कावश्य है को बीजो कोई तम्बें बीजो विरियां (Har डैको ईश्वरनी वातन पहलू सूत्र गूंर है बळी ज्येच्हाणनें

१३ तमे व्योहोना स्वा थया है। । च्ये हरेक मयोस दूधपो बै छे ये मणीस यथार्थसूरत वावना विषयमा मूर्ख है कम को ९४ त्ये महोस् हैया है। परंतु करडी खुराक येोखनें माटे है को छोहास्न तरूथाईनी बायु है को ज्ञान जियोना व्यवहारथी भलू भुंडु जावानी सामर्थ राखेरै ।

६ छठौ पव्वं । एमाटे मुया कामयो पश्चात्ताप करवू ने ईश्वरनें ऊपर विश्वास में डुबकोना बिषयमा शिक्षा नें हाथ देव ने मुआ लोकैोनू फरो उठवू ने अनन्त विचार २ ए सजनी नीमसूरत शिक्षा करी नहीं करीनें खोटनों

शिक्षानू परथम सूत्र मुकोनें कमारो घूरयतानी पासा ३ जाय। नें ईश्वर आज्ञा श्राप्याथी अमें एपम् करिशें । 8 कोमको ज्ये एकवार दीप्तिमान कोधा गयाहता नें खर्गना ५ दाननें चाख्यस्तू नें धर्मात्मना साभी श्यादता । नें

ईश्वरनी उत्तन वात नें थानुहार जगतना पराक्रमनें घाखो ६ हत त्ये जो खोष्टना धर्मथो पतित थया रहे। तो बेहा

ना बच्मा फरों पश्चाताप उत्पन्न करवू असाध्य है कोम क्ये त्ये पोतानें पासै ईश्वरना पुत्रनें करी क्रूशयर मार नें त्येनें परघट लज्जा करवानी वस्तु करे हैं । कमको ज्ये भुमि तानें उपर बार२ श्रायाधका वरसातनें पोर्थे पैनें माताना खेत्र जोचवावाळायाने माटे कोमल शाक उत्पन्न करे त्ये ईश्वरथी श्राशीस पामें ।

परंतु ज्ये कांटो ने भाडबोर जमावे है त्ये व्यक्त ने श्राघो एबी

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२ ज्येन् यंत वळवू थाशें । परंतु हे वाल्हा औ में एवं . कहिये कैयें सही तापस् तमारा विषयमा एथो आहूं काम ने भोतना इलाकातू काम मनमा स्थिर जाये है। कोंम् कये ईश्वर अयथार्थ नथी है ये ज्ये पुन्यवानानी सेवा तमें कोधी

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